Ananya Pandey

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पुलवामा के शहीद -15-Feb-2022

पुलवामा के शहीद 

आसमान भी रो पड़ा, 
धरती भी थर्राई  
किसी को खबर न थी इसकी, 
कब ये मौत आयी, 
माँ की आंखे नम थी, 
दिल पर पत्थर रखा था, 
पुत्र थे उनके बिछड़े हुये,
जो पुलवामा के शहीद हुये, 
पत्नी का सिंदूर मिटा, 
सीने में तीर चुभाता था, 
एक मात्र सहारा था  उनका, 
जो पुलवामा के शहीद हुये, 
बेटी के सिर से हाथ गया, 
चलना वह जिनसे सीखी थी, 
पापा की वो प्यारी थी, 
जो पुलवामा के शहीद हुये। 
प्रेम दिवस पर जान न्योछावर कर गए वो, 
मात्र भूमि की रक्षा खातिर अपनों को वो छोड़ गये, 
जो पुलवामा के शहीद हुये, 
सोये हुये शेरो पर चूहों ने हमला किया था, 
टूट ना जाये नींद उनकी, 
धीरे से वो आये, 
जब बम बिस्फोट बन्दुक से पीछे से वार करते होंगे, 
आंखे अपनी मुंद गये वो, 
जो पुलवामा के शहीद हुये, 
सिर्फ उनका ही बलिदान नहीं था ये, 
था उनके परिवार का भी बलिदान, 
आँखों में सबके आंसू, 
दिल में एक क्रोध था, 
धड़ ला दो उनका, 
जिन लोगो ने इनका हाल किया, 
खुद को तख़्त पर लटका दिये, 
जो पुलवामा के शहीद हुये। 

जय हिन्द 🇮🇳

प्रिया पाण्डेय "रोशनी "

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6 Comments

Shrishti pandey

16-Feb-2022 12:24 PM

Nice

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Punam verma

16-Feb-2022 09:04 AM

बहुत ही बेहतरीन

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Abhinav ji

16-Feb-2022 12:14 AM

Very nice mam

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